पर अग़र मैं कहूँ, मैं वही जानती हूँ जो मैं मानना चाहती हूँ मैं तुम्हें पाना चाहती हूँ पर अग़र मैं कहूँ, मैं वही जानती हूँ जो मैं मानना चाहती हूँ मैं तुम्हें पाना...
कुछ तो कहना है तुमसे क्या कहूँ क्या छिपाऊं याद करूँ मैं तुमको या फिर से भूल जाऊँ। कुछ तो कहना है तुमसे क्या कहूँ क्या छिपाऊं याद करूँ मैं तुमको या फिर से...
हमसे बढ़कर दूसरा कोई ज्ञानी नहीं होता हो ही नहीं सकता ...। हमसे बढ़कर दूसरा कोई ज्ञानी नहीं होता हो ही नहीं सकता ...।
या खुद का ही नुकसान कर दे जब ऐसा होता है तब हम खुद जिम्मेदार होते हैं। या खुद का ही नुकसान कर दे जब ऐसा होता है तब हम खुद जिम्मेदार होते हैं।
कम अक्ल बिगड़ी शक्ल, व्यायाम का, देश निकाला। कम अक्ल बिगड़ी शक्ल, व्यायाम का, देश निकाला।
जमाना दिखा देता है उसे एक ग़लत रास्ता। जमाना दिखा देता है उसे एक ग़लत रास्ता।